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Gratuity Rules 2024 : कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर, ग्रेच्युटी पर मिलेगा ब्याज, जान लें नियम

gratuity rules in india - जो कर्मचारी एक ही संस्था में लगातार पांच साल से ईमानदारी से काम करता है वह ग्रेच्युटी का पाने का अधिकारी होता है। हाल ही में सरकार ने ग्रेच्यूटी के नियमों में बदलाव किया है। अगर आप नौकरी करते हैं तो आपको यह जानकारी होना बहुत जरूरी है कि ग्रच्यूटी पर कितना ब्याज मिलता है और ग्रेच्युटी कैलकुलेशन (gratuity calculator) कैसे करते हैं। आइए नीचे खबर में विस्तार से जानते हैं - 

 
Gratuity Rules 2024 : कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर, ग्रेच्युटी पर मिलेगा ब्याज, जान लें नियम

Trending Khabar TV (ब्यूरो)। ग्रेच्युटी (Gratuity) को अमूमन वफादारी का इनाम समझा जाता है। इसका मतलब कि अगर आप किसी कंपनी या सरकारी नौकरी में लगातार पांच साल या इससे अधिक काम करते हैं, तो आपको पुरस्कार के तौर पर ग्रेच्युटी की रकम दी जाती है।


लेकिन, असल में यह वफादारी का इनाम नहीं, बल्कि आपका हक है। यह बात खुद इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने स्पष्ट की थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि पेंशन और ग्रेच्युटी (Gratuity Rules) हर कर्मचारी मूल्यवान अधिकार है। यह सरकार की ओर से मिलने वाला कोई इनाम या उपहार नहीं है।


अदालत ने यह भी कहा था कि अगर किसी कर्मचारी की पेंशन और ग्रेच्युटी भुगतान में बेवजह की देरी होती है, तो उसे भुगतान पर ब्याज का अधिकार है। संस्था को वह ब्याज देना भी होगा। इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने अपने एक अन्य फैसले में यह भी साफ किया है कि ग्रेच्युटी पाने के लिए रिटायरमेंट की उम्र कोई मायने नहीं रखती। कर्मचारी इसे सिर्फ सेवा की अवधि पर भी पा सकता है।

क्या होती है ग्रेच्युटी?

अगर कोई भी कर्मचारी किसी एक ही संस्थान में पांच साल या इससे अधिक समय तक काम करता है, तो वह ग्रेच्युटी का हकदार हो जाता है। इसकी गणना अंतिम और सेवा के वर्षों पर निर्भर करती है। अगर कर्मचारी के साथ कोई दुर्घटना या बीमारी होती है और वह दिव्यांग हो जाता है, तो उसे पांच साल की सेवा से पहले भी ग्रेच्युटी मिल सकती है।

कब देना होगा ब्याज?


अगर आप पांच साल या इससे अधिक की सेवा के बाद नौकरी छोड़ते हैं, तो 30 दिन के भीतर आपको ग्रेच्युटी के पैसे मिल जाने चाहिए।
अमूमन कंपनियां यह रकम खुद ही फुल एंड फाइनल के पेमेंट के साथ दे देती हैं। लेकिन, आप खुद भी ग्रेच्युटी के लिए अप्लाई कर सकते हैं।


आपके संस्थान को आवेदन मिलने के 15 दिन के भीतर ग्रेच्युटी की रकम बतानी होगी और 30 दिन के भीतर पैसों का भुगतान करना होगा।
ग्रेच्युटी का दावा कोई कंपनी सिर्फ इसलिए नहीं खारिज कर सकती कि आपने निर्धारित समय के भीतर आवेदन नहीं किया।
अगर 30 दिन के भीतर आपको पैसे नहीं मिलते, कंपनी को ग्रेच्युटी रकम के साथ साधारण ब्याज भी देना होगा।


दिवालिया होने पर भी देनी होगी ग्रेच्युटी


ग्रेच्युटी (gratuity calculator) के तहत किसी कर्मचारी को अधिकतम 25 लाख रुपये मिल सकते हैं। इससे ज्यादा रकम को एक्स-ग्रेशिया (अनुग्रह राशि) माना जाएगा। अगर कंपनी दिवालिया भी हो जाती है, तब भी उसे ग्रेच्युटी रकम देनी ही होगी। सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली ग्रेच्युटी की रकम टैक्स फ्री होती है। वहीं, प्राइवेट एंप्लॉयीज की ग्रेच्युटी कुछ शर्तों के तहत कर-मुक्त होती है।