2000 Rupee Notes New Update : 2000 रुपये के नोट को लेकर संसद में आई बात सामने, खुद वित्त मंत्री ने यह बताया
2000 Rupee Note Update : 2 हजार रुपये के नोट ने कुछ साल मार्केट में अपना दबदबा बनाए रखा था। 2016 में नोटबंदी (Notebandi)के बाद यह नोट चलन में आया था। हालांकि सरकार की ओर से इसे 2023 में बंद कर दिया गया। अब इस नोट को लेकर फिर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। खुद वित्त मंत्री ने इस बारे में संसद में बताया है।
Trending Khabar TV (ब्यूरो) : आपने 2000 रुपये के नोट को लेकर कई बातें सुनी होंगी। जब इसे चलन में लाया गया तो उस समय भी कई तरह के चर्चे इस नोट (2000 ka note kb suru hua tha) को लेकर चले थे। बाद में जब इसे चलन से बाहर (2000 ka note kb band hua tha)किया गया तो भी सोशल मीडिया पर इसके चर्चे कई दिनों तक लोगों के बीच होते रहे। अब फिर एक बार यह नोट सुर्खियों में आ गया है। संसद में वित्त मंत्री ने खुद बड़ा अपडेट बताया है। आइये जानते हैं इसके बारे में।
1 नोट की छपाई पर आता था इतना खर्च (2000 Rupee Note Printing Cost)
भारत में वर्ष 2016 में नवंबर माह की आठ तारीख हर किसी को याद होगी। इस दिन प्रधानमंत्री (PM Modi)ने नोटबंदी का ऐलान किया था। इसके बाद 2 हजार का गुलाबी नोट (2000 ka note) चलन में आया। 19 मई 2023 को इसे बंद कर दिया गया। 2000 का एक नोट छापने में सरकार को 3.54 रुपये की लागत इस नोट को छापने में लगानी पड़ी थी। आज भी अनेक नोट आरबीआई तक वापस नहीं पहुंचे हैं।
लाखों की संख्या में 2000 के नोट नहीं हुए जमा
करीब 7 साल तक चलन में रहने के बाद 19 मई 2023 को यह नोट बंद कर दिया गया। लोगों को कुछ माह का समय देते हुए अपील की गई थी कि वह इसे जमा करा दें। तमाम कोशिशों के बावजूद 7409 करोड़ रुपये मूल्य के 2000 रुपये के नोट अभी भी वापस नहीं लौटे हैं। यानी लाखों की संख्या में 2 हजार के नोट जमा ही नहीं हुए। अब सरकार ने जानकारी दी है कि 2000 रुपये का एक नोट छापने में 3.54 रुपये खर्च करने पड़े थे।
वित्त मंत्री ने संसद में यह सब बताया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद को बताया कि 2000 का नोट चलन में लाने से लेकर बंद करने तक कुल कितने ऐसे नोट छापे गए और कितनी लागत आई। इसके अलावा वित्त मंत्री ने दूसरे नोटों के बारे में भी जानकारी दी। बता दें कि जुलाई, 2016 से जून 2018 के बीच सभी नए नोटों की प्रिंटिंग पर 12877 करोड़ रुपये की लागत आई थी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक 2000 रुपये के 370.2 करोड़ नोटों की सप्लाई की गई। इसकी वैल्यू 7.40 लाख करोड़ रुपये बनती है। सरकार ने उस समय 2000 रुपये के नोटों के साथ 500 रुपये, 200 रुपये, 100 रुपये, 20 रुपये, 20 रुपये और 10 रुपये के नए सीरीज वाले नोट भी जारी किए थे। जो आज भी चलन में हैं।
कुल इतने नोट छपे थे
संख्या और वैल्यू की बात करें तो सरकार ने 2 हजार के कुल 370.2 करोड़ नोट छापे थे। इनकी छपाई का खर्चा 1310.50 करोड़ रुपये बैठा। वित्त मंत्री ने बताया कि 19 मई 2023 को जब 2000 रुपये नोटों को वापस लेने का एलान किया गया तब 3.56 लाख करोड़ रुपये के नोट्स सर्कुलेशन में थे, जिसमें से 30 जून, 2024 तक 3.48 लाख करोड़ रुपये के नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ चुके हैं। यानी लाखों की संख्या में नोट वापस आए ही नहीं।
इस कारण शुरू किया था 2000 का नोट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman)ने बताया कि उस समय 500 और 1,000 रुपये के नोट कुल नोटों का 86.4 फीसदी थे। इसलिए 2000 रुपये का नोट शुरू किया गया था। इसे बंद करने के पीछे कई कारण रहे हैं। लेन-देन या आदान-प्रदान के लिए लोग 2000 के नोटों को तरजीह भी नहीं दे रहे थे। यह नोट बंद होने के बावजूद 2000 रुपये के नोटों का 2.08 फीसदी हिस्सा जमा ही नहीं हुआ।